Yarekh/यारेख Prem-patron Ka Sankalan/प्रेम-पत्रों का संकल&#x928
(2022)

Nonfiction

eBook

Provider: cloudLibrary

Details

PUBLISHED
[S.l.]: Penguin Random House India Private Limited, 2022
DESCRIPTION

264 p

ISBN/ISSN
9789357080118 anr3fb89
LANGUAGE
Hindi
NOTES

कहते हैं, प्रेम की परिभाषा सबकी अपनी-अपनी होती है और उसे गढ़ने में हरेक को अपने मनोभावों की माटी ही लगानी होती है। भाव से भाव बंधते जाते हैं और इस जुड़ाव को व्यक्त करने के लिए शब्दों को माध्यम ढूँढ़ने पड़ते हैं। और ये माध्यम कौन-से होंगे, यह बस प्रेम-उमड़ता मन ही जानता है कि उसे सुकून-शान्ति मिलेगी तो किससे, प्रेमपत्रों से या प्रेम-मनुहार पगे शब्द-सेतुओं से। यह किताब छत्तीस ऐसे पत्रों का संकलन है जिनमें प्रेम है, आसक्ति है, और है रोम-रोम को झुलसाता प्रेम-पीड़ा का गान, वो भी असगर वज़ाहत, अनामिका, नन्द भारद्वाज, सविता सिंह-पंकज सिंह, मैत्रेयी पुष्पा, हुज़ैफा पंडित, वंदना टेटे, के सच्चिदानंदन, जयंती रंगनाथन, गीताश्री, उषाकिरण खान, आलोक धन्वा . . . जैसे हिन्दी साहित्य जगत के कुछ चुनिन्दा सृजनकारों की कलम से लिखे और उनके शब्दों से जगमगाते! क्या पता, यह संकलन प्रेम करने के लिए तत्पर कर दे और इन पत्रों से प्रेरित हो आप एक नया अध्याय प्रेमपत्रों का लिखने लग जाएँ क्योंकि प्रेमपत्र सिर्फ़ शब्द नहीं होते, जीजिविषा होती है स्वयं को उन्मुक्त करने की, व्यक्त करने की।

General adult

Format: eBook

Mode of access: World Wide Web

Additional Credits